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किसान आन्दोलन |
भारत में किसानों के द्वारा 8 दिसंबर 2020 को बुलाए भारत बंद को सीटीईटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष B.C. भरतिया ने दिल्ली में जारी एक संयुक्त बैठक में कहा कि भारत बंद को लेकर किसी भी किसान संगठन तक किसान आंदोलन के नेता ने हमसे कोई संपर्क नहीं किया है इसलिए हम कल 8 दिसंबर 2020 को किसानों के द्वारा बुलाए गए भारत बंद का समर्थन नहीं करते हैं!
कृषि कानूनों के पारित होने के बाद से, कांग्रेस मांग कर रही है-
(1) MSP पर कानूनी गारंटी,
(2) सरकारी एजेंसियों के माध्यम से खाद्यान्न खरीद की निरंतरता,
(3) कॉरपोरेट्स के प्रवेश पर रोक, और
(4) राज्यों के विधायी अधिकारों का सम्मान हो— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) December 7, 2020
आपको बता दें भारत सरकार द्वारा जारी किए गए किसान भी का विरोध करने के लिए किसानों द्वारा 8 दिसंबर 2020 को भारत बंद का आह्वान किया गया था!
किसानों की मुख्य मांगों की बात करें तो किसानों ने भारत सरकार से एमएसपी पर कानूनी गारंटी तथा सरकारी एजेंसी के माध्यम से खाद्यान्न खरीद की निरंतरता तथा कॉरपोरेट्स के प्रवेश पर रोक और राज्यों के विधायक कारों का सम्मान हो इन सब मांगों को लेकर किसानों ने कल 8 दिसंबर 2020 को भारत बंद का ऐलान किया है!
कृषि कानूनों के खिलाफ मंगलवार को किसानों ने भारत बंद का आह्वान किया है. इस बंद को देश में कई राजनीतिक दलों, यूनियनों ने समर्थन दिया है. हालांकि, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने इस बंद में ना शामिल होने की बात कही है साथ ही कहा है कि दिल्ली और देश के बाजार, ट्रांसपोर्ट कल खुले रहेंगे.
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) एवं ट्रांसपोर्ट सेक्टर के शिखर संगठन आल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन (ऐटवा) ने कहा कि देश का व्यापार और ट्रांसपोर्ट 8 दिसंबर को हो रहे भारत बंद में शामिल नहीं है और दिल्ली सहित देश भर के बाज़ार पूरी तरह से खुले रहेंगे. !