14 फ़रवरी 2019, जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले के लेथापोरा के NH-44 से CRPF के 78 गाड़ियों का काफिला कुल 2500 जवानों को लेकर गुजर रहा था !
अचानक से RDX और 300 किलो विस्फोटक सामग्री से भरी एक कार जवानों के गाड़ी टकरा गई. इस आत्मघाती हमले में कुल 40 जवानों की जान गई !
VVIP के 100 गाड़ियों का काफिला गुजरते रहता है, लेकिन धमाका कभी नही हुआ, होना भी नही चाहिए. यानी VVIP सुरक्षा चुस्त दुरुस्त रहती है और जवानों की सुरक्षा में कोताही बरती गई. क्या जानबूझकर यह तो जांच का विषय है ?
NIA जैसी बड़ी इंवेस्टिगेटिंग एजेंसी ने जांच में केवल आत्मघाती हमलावर का नाम – अदील अहमद डार और उसके घर का पता लगाया !
मुख्य सवाल अभी भी कायम है ?
1) 300 किलो विस्फोटक कहाँ से आया.
2) 80 किलो RDX उसे किसने दिया.
3) हमलावर को कैसे पता चला CRPF के जवानों का काफिला अमुक दिन अमुक समय गुजरने वाला है.
4) हमलावर के अलावा स्लीपर सेल के आतंकी क्यों नही गिरफ्तार हुए.
5) हमले का स्रोत और कड़ियों को जोड़ने में NIA के 12 अफसर नाकाम रहे.
नरेंद्र मोदी सरकार से कुछ सवाल ?
1) हमलावर अदील अहमद डार को 2016-2018 के बीच कुल छह बार गिरफ्तार किया गया. बिना किसी आरोप के हर बार उसे रिहा किया गया. पर उसे गिरफ्तार कर बिना किसी आरोप के छोड़ा क्यों गया ?
2) जिस स्थान पर आत्मघाती हमला हुआ लेथापुरा पुलवामा से 11 किलोमीटर दूर. और पुलवामा पुंज ज़िले से 75 किलोमीटर दूर है. पूंज से LOC 45 किलोमीटर दूर है. यानी LOC से 130 किलोमीटर दूर लेथापुरा में पाकिस्तान से 300 किलो विस्फोटक और 80 किलो RDX आया कैसे ?
40 जवानों की शहादत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सर झुकाकर माफी मांगते हुए इस्तीफा देकर रिलायंस इंडस्ट्रीज में चपरासी की नैकरी पकड़ लेनी चाहिए थी. पाकिस्तान पर हवाई हमले के बाद 10 मार्च को चुनाव घोषित हुए और 40 जवानों की लाश पर मोदी ने लोकसभा चुनाव भावनात्मक मुद्दे पर लड़कर जीत हासिल की !