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मधुसुधन भिंडा |
हम बात कर रहे है फतेहपुर की राजनीति के चाणक्य श्री मधुसूदन भिंडा जी की जिनकी जिनकी राजनीति का हर कोई कायल है!उनके विपक्षी नेता भी मधु जी की राजनीतिक सूझ बुझ और उनकी चाणक्य नीति के कायल हैं मधुसूदन भिंडा जी एक ऐसे नेता है जो चंद मिनटों में ही राजनीतिक समीकरणों को इधर-उधर कर देते हैं जिनका उनके विपक्षी नेताओं को कानो कान खबर भी नहीं होती है!
मधुसुधन भिंडा जी का जीवन परिचय :
मधुसूदन भिंडा जी के पिताजी का नाम बनवारी लाल जी भिंडा तथा माता जी का नाम द्रोपती देवी था!मधुसूदन भिंडा जी का जन्म फतेहपुर शेखावाटी मैं 20 जनवरी 1968 को हुआ और उनकी प्रारंभिक शिक्षा फतेहपुर शेखावाटी के ही शिक्षा मंदिरों में हुई मधुसूदन भिंडा जी की शुरू से ही राजनीति में अलग रुचि रखते थे भिंडा जी कॉलेज समय से ही और राजनीति में सक्रिय थे क्योंकि भिंडा जी की पारिवारिक पृष्ठभूमि भी राजनीति से जुड़ी हुई!
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बनवारी लाल जी भिंडा |
मधुसूदन भिंडा जी को राजनीतिक वैसे तो विरासत के रूप में मिली है क्योंकि मधुसूदन भिंडा जी के पिता श्री बनवारी लाल जी भिंडा फतेहपुर शेखावाटी मैं 1995 में ही विधायक रह चुके थे वही बनवारी लाल भिंडा जी इससे पूर्व चेयरमैन भी रह चुके थे!
ऐसा भी माना जा रहा है की मधुसूदन भिंडा जी कि यह चाणक्य नीति उनके पिता श्री बनवारीलाल भिंडा जी की ही देन है क्योंकि फतेहपुर शेखावाटी में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना की बात करें तो सबसे पहले बनवारी लाल भिंडा जी का ही नाम सामने आता है जब भारतीय जनता पार्टी का फतेहपुर में प्रवेश हुआ उसी समय 1995 श्री बनवारीलाल भिंडा जी ने भाजपा से चुनाव लड़ा और चुनाव जीतकर भाजपा से पहले विधायक बने!
मधुसुधन भिंडा जी का राजनैतिक परिचय :
मधुसूदन भिंडा जी के राजनीतिक जीवन की बात करें तो भिंडा जी का राजनीति की दुनिया में उनका लगाव था कॉलेज के समय में राजनीतिक की दुनिया में प्रवेश किया उस समय फतेहपुर शेखावाटी मैं चमडिया कॉलेज में छात्र राजनीति मैं अपनी एक अलग छवि स्पष्ट और एक सुलझे हुए छात्र नेता के रूप में बनाई इसका फायदा मधुसूदन भिंडा जी को 2010 के नगर पालिका चुनाव में मिला जिसमें वह भारी मतों से जीत कर नगर पालिका के चेयरमैन बने उसके बाद मधुसूदन भिंडा जी ने राजनीति में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और वर्तमान में अब वह दो बार लगातार फतेहपुर शेखावाटी में भाजपा के चेयरमैन है!