ये सफाई नहीं मेरे दिल की अवाज है…
बिका हुआ होता तो यूँ ना मैं अपने समाज को जगा रहा होता,बैठ अकेले कहीं कोने में शान्त नोटों की गड्डीयाँ गिन रहा होता,ना कोई मेरे साथ होता ना मैं किसी के साथ होता,बैठ हवाई जहाज मे विदेश मे घूम रहा होता….
बिका हुआ होता तो यूँ ना समाज के युवाओं को जोड़ रहा होता,बैठ दुशमनो के साथ मंच साझा कर रहा होता,ना कोई मेरी ताकत होता ना मैं किसी की ताकत होता….
बिक हुआ होता तो यूँ ना समाज के बीच जा रहा होता,बैठ आराम से किसी बंगले में एसी की हवा का आनंद ले रहा होता,ना कोई मेरी उम्मीद होती ना मैं किसी की उम्मीद होता
अगर बिका हुआ होता तो यूँ ना समाज के लिए काम कर रहा होता….
जय भीम,जय भीम आर्मी
जय भारत,जय संविधान