श्रमिक विरोधी नीतियों को लेकर प्रतिरोध जताने के बाद तीन जुलाई को देशभर में एक लाख से ज्यादा श्रमिकों ने सड़कों-दफ्तरों पर प्रदर्शन कर आवाज बुलंद

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दिल्ली :- श्रमिक अधिकारों पर तेज होते हमले के खिलाफ मजदूर अब लॉकडाउन से निकलकर लामबंद होने की कोशिश कर रहे हैं। सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों को लेकर प्रतिरोध जताने के बाद तीन जुलाई को देशभर में एक लाख से ज्यादा श्रमिकों ने सड़कों-दफ्तरों पर प्रदर्शन कर आवाज बुलंद की। प्रदर्शन में कोयला क्षेत्र के निजीकरण के खिलाफ जारी हड़ताल को भी समर्थन दिया गया।

भाजपा समर्थित भारतीय मजदूर संघ के अलावा सभी सेंट्रल ट्रेड यूनियनों के संयुक्त प्रदर्शन में शामिल श्रमिकों ने सरकार पर पूंजीपतियों के हित में काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अब सरकार बिना हिचक खुलेआम आमजन और श्रमिकों के खिलाफ उतर आई है।

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